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Free VPN Service Providers

If you're of the mindset that what you do with your BitTorrent client is your business and not that of people snooping, sniffing, and prying at your packets along the way, then you'll need a VPN to keep your traffic encrypted and secure. Even so, which free VPN service is the best, and which offers the best combination of reliability, features, security, and affordability? We'll be looking at the top five free VPN service providers based on our test.

 

 SecurityKiss

 SecurityKiss is a popular free VPN service available for use on PCs only. The paid version available for use on Mac, Linux, and smartphones. The free package includes a 300MB daily limit, and an unspecified bandwidth speed cap of less than 12.5 Mbps, and basic packages start at about $6 per month.Software installation is required.

 

 

 

Its Hidden

 ItsHidden uses 128-bit encryption on the secure tunnel created between you and the ItsHidden servers. Based out of the Netherlands, ItsHidden takes advantage of the legal climate there and doesn't log any activity passed through its servers. Available on Mac, PC, and Linux, and requires no software installation.

 

 

 

 

 CyberGhost

CyberGhost VPN is a free utility that encrypts, anonymizes, and offshores your internet use when you're using public Wi-Fi at an airport or coffee shop, or you're worried someone on your network is running a tool like Firesheep to gather credentials Cyber Ghost is limited to PCs only, and software installation is required.

 

 

Hotspot Shield

Hotspot Shield is a free program that allows you to secure your connection while surfing WiFi hotspots and to access sites not normally available outside of the USA, like Huluand Pandora.
Everything is done in an extra tab open in your browser, so there's no need to configure anything. A green and red shield in your system tray indicates when Hotspot Shield is or is not connected. The VPN is encrypted with 128 bit SSL encryption so you can surf safely without worrying about others intercepting your data.  It works on Mac and PCs along with Android and iOS devices.

 

Your Freedom

Your Freedom services makes accessible what is unaccessible to you, and it hides your network address from those who don't need to know. Just download the client application and install or just run it on your PC; it turns your own PC into an uncensored, anonymous web proxy and an uncensored, anonymous SOCKS proxy that your applications can use, and if that's not enough it can even get you connected to the Internet just as if you were using an unrestricted DSL or cable connection -- just like the firewall suddenly went boom! You can even make your PC accessible from the Internet if you like.

अपने Gmail पर ताला लगाया क्या

जरा सोचिए अगर आपका जीमेल (Gmail) हैक हो जाए यानी उसका पासवर्ड किसी के हाथ लग जाए तो आप पर क्या कहर बरसेगा? आपकी गोपनीय जानकारी हैकर के हाथ लग जाएगी. जब तक आपको इस चोरी की भनक लगेगी तब तक ना जाने कितने राज बेपर्दा हो चुके होंगे.
अगर पासवर्ड गया तो सब गया!

ऑफिस के जरूरी ईमेल, जिन्हें आपने जीमेल में संभाल कर रखा था, आपकी सैलरी स्लिप, बैंक डिटेल्स, इनवेस्टमेंट और इंशोरेन्स का पूरा ब्योरा, म्यूचुअल फंड की स्लिप, एलआईसी का प्रीमियम, ऑनलाइन खरीदारी की रसीदें, ईएमआई की डिटेल्स, रेल और हवाई जहाज की टिकटें, पासपोर्ट की स्कैन कॉपी, पैन-कार्ड, क्रेडिट-कार्ड, होटल बुकिंग, इनकम टैक्स का कच्चा चिट्ठा, इनकम टैक्स रिटर्न की रसीद... आप अपने जीमेल के पुराने पन्नों को पलट कर देखिए तो सही, याद आएगा कि अपने कितने राज आप जीमेल के हवाले कर चुके हैं. लेकिन ध्यान रखें अगर पासवर्ड गया तो ये सब भी गया!
अगला शिकार आप हो सकते हैं

अगर आप एंड्रॉयड फोन इस्तेमाल करते हैं तो आपको पता ही होगा कि आपके फोन में जो कुछ भी है, लगभग वो सभी गूगल के लॉकर में भी बंद है. चाहे गूगल प्लस पर भेजी गयी तस्वीरें हों या 'गूगल ड्राइव' में छिपा कर रखे गये कागजात. हर दिन लाखों पासवर्ड हैक होते हैं. अगला नंबर आपका हो सकता है.
एक ही होगा गूगल के सभी ऐप्लीकेशन्स (Apps) का पासवर्ड

ये तो आपको पता ही होगा की गूगल की दुनिया में हर ताले की चाभी एक ही होती है. यानी गूगल के सभी ऐप्लीकेशन्स (Apps) का पासवर्ड एक ही होगा. चाहे वो क्रोम ब्राउसर (chrome browser) हो, जीमेल चैट हो या यू-ट्यूब (You Tube). मतलब, आपका पासवर्ड पता चला जाए तो पल भर में ही ये भेद खुल जाएगा कि ऑफिस में चुपचाप आप कौन-कौन सी वेबसाइट्स देखते हैं, घर में कमरा बंद करके किससे चैट करते हैं और देर रात यू-ट्यूब (YouTube) पर कौन से वीडियो खोजते हैं. यही नहीं, आपको याद दिला दूं कि तमाम दूसरी वेबसाइट्स पर एकांउट खोलते समय आपने जीमेल का ही पता दिया था. यानी उन वेबसाइट्स पर अगर 'पासवर्ड भूल गया हूं' (Forgot Password ?) का बटन दबाया जाए तो नया पासवर्ड जीमेल पर ही आएगा.
जब इतना कुछ जीमेल के लॉकर में ही बंद है तो सवाल उठता है कि आपने अपने जीमेल पर ताला लगाया क्या? ऐसा ताला, जिसकी चाभी सिर्फ आपका पासवर्ड नहीं हो. ऐसा ताला कि किसी ने आपका जीमेल खोलने की कोशिश की नहीं, और आपका फोन फौरन आपको सावधान कर देगा.

ये है जीमेल को हैकर-प्रूफ बनाने का तरीका

इस तरीके को टू स्टेप वेरिफिकेशन (2-step verification) कहते हैं. आगे बढ़ने से पहले, तीन बातें बताना बेहद जरूरी है. अगर आपने इनको नजरअंदाज किया तो इस बात का खतरा है कि आपका जीमेल लॉक हो जाए और आप मुश्किल में पड़ जाएं. इसके लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे.
कोई ऐसा कंप्यूटर चाहिए जो आपके लिए हमेशा उपलब्ध हो

पहली बात ये है कि जीमेल पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन (2- step verification) को एक्टिवेट करने का काम आप अपने घर या ऑफिस के किसी ऐसे कंम्पयूटर से करें जो आपके लिए हमेशा उपलब्ध हो. इस कंम्पयूटर को ट्रस्टेड कंम्पयूटर बनाना नहीं भूलें (जिसका तरीका आगे बताया गया है). कुछ गड़बड़ हो जाए तो इस कंम्पूटर पर आकर आप आसानी से सब कुछ ठीक कर सकते हैं और चाहें तो टू-स्टेप वेरिफिकेशन (2- step verification) को ऑफ भी कर सकते हैं.
बैकअप ईमेल व बैकअप मोबाइल नंबर डालें

दूसरी बात है कि सेटअप करते समय अपने जीमेल में एक बैकअप ईमेल (इस जीमेल के अलावा कोई दूसरा ईमेल) और एक बैकअप मोबाइल नंबर (अपने मोबाइल नंबर के अलावा कोई दूसरा मोबाइल नंबर ) जरूर डालें. मोबाइल चोरी हो जाने पर या एंकाउट में किसी तरह की गड़बड़ होने पर ये बहुत काम आएगा.
तीसरी और आखिरी बात है कि जीमेल का टू-स्टेप वेरिफिकेशन (2- step verification) शुरू करते ही हो सकता है कि आपके जीमेल से जुड़ी कुछ दूसरी सर्विसेज (जैसे यू-ट्यूब, मोबाइल पर जीमेल आदि) काम करना बंद कर दें. घबराएं नहीं, इसको ठीक करना बेहद आसान है. ठीक करने का तरीका आगे बताया गया है और ये काम आपको सिर्फ एक बार करना होगा.
तो आइए, अपने जीमेल को हैकर-प्रूफ बनाने के लिए उस पर मजबूत ताला लगाने का काम शुरू करते हैं...
1. अपने जीमेल एंकाउट में लॉग-इन करें. ध्यान रहे की आगे बढ़ने पर जीमेल कभी भी फिर से आपका पासवर्ड मांग सकता है. ये आपकी सुरक्षा के लिए है. पासवर्ड डाल कर आगे बढ़ते जाएं.
2. दाहिनी तरफ सबसे ऊपर बने अपने फोटो (या फोटो की खाली जगह) पर क्लिक करें.










3. जो छोटा सा विंडो खुला, उसमें अपने नाम और ईमेल के नीचे लिखे 'एकांउट' पर क्लिक करें.











4. अब आपके सामने नया विंडो है. इस विंडो में बांए हाथ पर जो ऑपशन्स दिख रहें हैं, उसमें पांचवें नंबर के ऑपशन 'सिक्योरिटी' (Security) को क्लिक करें.













5. अब आपके सामने जो विंडो खुला है, उसमें दूसरे नंबर पर (पासवर्ड के बाद) लाल रंग के बैग के साथ 'रिकवरी ऑप्शन' ( Recovery Option) होगा. यहां फोन नंबर और ईमेल की अपनी जानकारी को ध्यान से अपडेट करें. अगर जानकारी ठीक नहीं है तो उसे एडिट करके सही करें. 'रिकवरी ईमेल' (Recovery Email) में अपने जीमेल के अलावा कोई दूसरा ईमेल ऐड्रेस डालें.













6. अब इसी विंडो में और नीचे (ताले के निशान के साथ) टू-स्टेप वेरिफिकेशन पर आएं. यहां आपका स्टेट्स 'ऑफ' (Off) लिखा होगा. 'एडिट' पर क्लिक करें. (याद रखें, यदि कोई गड़बड़ हो जाए तो यहीं पर आकर आप टू-स्टेप वेरिफिकेशन को फिर से ऑफ कर सकते हैं).

7. टू स्टेप वेरिफिकेशन का नया विंडो खुल गया होगा. दाहिनी तरफ नीले रंग के स्टार्ट सेट अप (Start Set up) पर क्लिक करें. अब आप अपने जीमेल को सुरक्षित बनाने से सिर्फ चार कदम दूर हैं.

8. जो विडों खुला उसमें अपना मोबाइल नंबर डालने से पहले चेक कर लें कि अपने देश का झंडे का निशान दिख रहा है. (ये देश का आईएसडी कोड दिखाता है. भारत का कोड +91 है. अपना मोबाइल नंबर डालें. फोन नंबर के नीचे कोड भेजने का ऑपशन में एसएमएस पहले से दिख रहा होगा. उसे नहीं बदलें. कोड भेजने का बटन क्लिक करे.

9. अब आपको अपने मोबाइल पर एसएमएस के जरिए छह डिजिट का एक नंबर मिलेगा. उस कोड को यहां डाल कर 'वेरिफाई' पर क्लिक करें.

10. अब जीमेल आपसे पूछेगा का क्या जिस कंम्पयूटर को आप अभी इस्तेमाल कर रहें हैं उसे आपके भरोसे का कंम्पयूटर माना जाए. यदि ऐसा है तो 'ट्रस्ट दिस कंम्पयूटर' पर टिक करके आगे बढें. जीमेल याद रखेगा कि ये आपका कंम्पयूर है. टू-स्टेप विरेफिशन को कन्फर्म कर दें.

बधाई हो. जीमेल पर ताला लगाने का काम अब पूरा हुआ. अब जब भी आप किसी नए कंम्पयूटर से अपने जीमेल में लॉग इन करने की कोशिश करेंगें, अपने पासवर्ड के अलावा एक छह डिजिट का वेरिफिकेशन कोड भी आपको डालना होगा. ये कोड आपको अपने मोबाइल पर एसएमएस से मिलेगा.
अभी एक और है मुश्किल
लेकिन जरा सी मुश्किल अभी बाकी है. जीमेल पर ताला तो लग गया लेकिन गूगल और जीमेल से जुड़ी कुछ और सर्विसेज हो सकता है समझ ना पाएं की आपने टू-स्टेप वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है. कुछ एप्लीकेशन्स दोबारा लॉग इन करने को कह सकती हैं और कुछ हो सकता है काम ही करना बंद कर दें. इसमें आपके फोन का जीमेल ऐप्लीकेशन भी हो सकता है.
ठीक करने के लिए या तो फोन पर ब्राउसर के जरिए (जीमेल.कॉम टाइप करके) पर जाएं और अपने फोन नंबर (या बैकप फोन नंबर) पर जो छह डिजिट का कोड मिले उसे डाल कर लॉग-इन कर लें. ये सिर्फ एक बार करना होगा. उसके बाद आपका फोन बार-बार वेरिफिकेशन कोड नहीं मांगेगा. एंड्रॉयड फोन पर हो सकता है आपको अपना जीमेल एकांउट डिलिट करके एक बार फिर से डालना पड़े.
बात नहीं बनती है तो भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें. यहां से आप गूगल से जुडीं हर तरह की सर्विस के लिए पासवर्ड पा सकते हैं. पासवर्ड बनाएं और जहां जरूरत हो वहां डाल दें. इस पासवर्ड को याद रखने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये पासवर्ड सिर्फ एक बार डालना होगा.
https://accounts.google.com/b/0/IssuedAuthSubTokens?hide_authsub=1

एक बार फिर से याद दिला दें कि आप कभी भी (ऊपर बताए गए तरीके से स्टेप नंबर 6 तक जाकर) टू स्टेप वेरिफिकेशन को ऑफ कर सकते हैं.

अगर आप स्मार्ट फोन इस्तेमाल करते हैं तो वेरिफिकेशन कोड पाने का एसएमएस से भी एक बेहतर और आसान तरीका है. अगर आपका फोन एंड्रायड है तो गूगल प्ले स्टोर से, आई-फोन है तो एप स्टोर से और अगर ब्लैकबेरी है तो m.google.com/authenticator पर जाकर गूगल ऑथेंटिकेटर नाम का एप (Google Authenticator app) डाउनलोड कर लें. इससे आप बिना एसएमएस का इस्तेमाल किए कभी भी वही कोड पा सकते हैं. खास बात ये है कि ये एप बिना इंटरनेट, यहां तक कि बिना मोबाइल नेटवर्क के भी बखूबी काम करेगा.
काम खत्म हुआ, अब नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप चेक कर सकते हैं कि सबकुछ वैसा ही है जैसा आप चाहते है.  https://accounts.google.com/b/0/SmsAuthSettings




100 दिन बाद रिटायर हो जाएगा विंडोज XP बैंकों के सिक्योरिटी सिस्टम को खतरा

अगर तेजी नहीं दिखाई गई तो आज से ठीक 100 दिन बाद बैंक में रखा आपका पैसा असुरक्षित हो सकता है. 8 अप्रैल 2014 से माइक्रोसॉफ्ट अपने 12 साल पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम 'विंडोज एक्सपी' को सपोर्ट करना बंद कर देगा. इसके बाद विंडोज एक्सपी पर एंटी वायरस प्रोटेक्शन काम नहीं करेगा.

मंगलवार को माइक्रोसॉफ्ट के इस ऐलान के बाद कई भारतीय बैंकों के सिक्योरिटी सिस्टम पर बहुत बड़े खतरे के दस्तक देने की आशंका पैदा हो गई है. सबसे बड़ा खतरा सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर मंडरा रहा है.

40-70 फीसदी कंप्यूटर चल रहे एक्सपी पर
माइक्रोसॉफ्ट की ओर से कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक, भारत में सरकारी बैंकों में 40 से 70 फीसदी कंप्यूटर विंडोज एक्सपी पर ही चलाए जा रहे हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 34,115 सरकारी बैंकों की शाखाओं पर इसका सीधा असर पड़ सकता है.

विंडोज 7 और विंडोज 8 आने के बाद भी भारत में व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल होने वाले करीब 30 फीसदी कंप्यूटर विंडोज एक्सपी पर चलाए जा रहे हैं. ऐसे में अगर समय रहते वैकल्पिक इंतजाम नहीं किए गए तो बैंकों के सिस्टम को हैक किए जाने की आशंका बढ़ सकती है.

स्टेट बैंक के 1.35 लाख कंप्यूटर्स के लिए खतरा
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के जनरल मैनेजर अमरीश गोयल ने बताया कि 45 भारतीय बैंक अब भी एक्सपी का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनके मुताबिक, 'स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 1.35 लाख कंप्यूटर अब भी एक्सपी पर चल रहे हैं. लेकिन अच्छी बात है कि उनके 40-50 फीसदी कंप्यूटर विंडोज 7 पर चल रहे हैं. हालांकि कई बैंक अपने ऑपरेटिंग सिस्टम अपग्रेड भी कर रहे हैं. इंडियन बैंक ने विंडोज 7 अपना लिया है और कैनरा बैंक भी बहुत जल्द यह काम पूरा करने वाला है.'

बढ़ जाएगा एक्सपी के रखरखाव का खर्च
जो बैंक अपना ऑपरेटिंग सिस्टम अपग्रेड नहीं करेंगे उन्हें आने वाले समय में भारी दिक्कतों से दो-चार होना पड़ सकता है. उनके लिए कंप्यूटर्स के रखरखाव का खर्च कई गुना बढ़ सकता है. एक अध्ययन के मुताबिक, यह खर्च 19,000 रुपये तक हो सकता है जबकि ऑपरेटिंग सिस्टम अपग्रेड करने में सिर्फ 6,000 रुपये का खर्च आएगा.

सरकारी प्रशासन भी विंडोज एक्सपी पर काम करते रहने के खतरों का अंदाजा हो चुका है. इसका सबूत है इंडियन कंप्यूटर एमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की ओर से 25 जून को जारी की गई एडवाइजरी. इसमें लिखा है, 'विंडोज एक्सपी का इस्तेमाल कर रहे लोग और संस्थाएं अप्रैल 2014 से पहले-पहले अपना ऑपरेटिंग सिस्टम अपग्रेड कर लें.

WhatsApp Messenger

WhatsApp Messenger is a smartphone messenger available for iPhone and other smartphones. WhatsApp uses your 3G or WiFi (when available) to message with friends and family. Switch from SMS to WhatsApp to send and receive messages, pictures, audio notes, and video messages.

First year FREE! ($0.99 USD/year after)


How it worksWhatsApp Messenger is a cross-platform mobile messaging app which allows you to exchange messages without having to pay for SMS. WhatsApp Messenger is available for iPhone, BlackBerry, Android, Windows Phone and Nokia and yes, those phones can all message each other! Because WhatsApp Messenger uses the same internet data plan that you use for email and web browsing, there is no cost to message and stay in touch with your friends.

In addition to basic messaging WhatsApp users can create groups, send each other unlimited images, video and audio media messages.



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